मुझे डूबता सूर्य न समझो
नई ऊर्जा लेकर मैं फिर आ जाउंगा
कल नभ पर मैं जोर शोर से छा जाउंगा.
कण कण है मेरा आह्लादित
सतरंगी हैं किरणें मेरी,
जीवन देतीं ,राह दिखाती ।
मुझे देख कर हंसती गाती ,
मुझे डूबता सूर्य न समझो .
नई ऊर्जा लेकर मैं फिर आ जाऊँगा।
खिल जायेंगे फूल मनोहर ,
खुल जायेंगी आँखे चंचल
तितली , भंवरे, डोलडोल कर ,
पक्षी के कलरव पर प्रतिपल
नाच उठेंगी ,थिरक उठेंगी ,
नदियाँ छल -छल ....
मुझे डूबता सूर्य न समझो .
मंगलवार, 26 जुलाई 2011
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें